किशोरी तेरे चरणन में, महारानी तेरे चरणन में मातु पिता भ्राता सब कोई। संकट में पूछत नहिं कोई॥ त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। येहि अवसर मोहि आन उबारो॥ धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥ नंदलाल गोपाल दया करके रख चाकर अपने द्वार मुझे आप जलंधर असुर संहारा। सुयश https://hindubhajan.in/hanuman-chalisa/